Tag: Alone
जाल
मकड़ी के जालों से ज़ियादा प्रभावित किसी और चीज़ से नहीं हुआ मैं। हर बार उसे झाड़ू से या झालर से झाड़कर हटा दिया...
रात सुनसान है
मेज़ चुप-चाप, घड़ी बंद, किताबें ख़ामोश
अपने कमरे की उदासी पे तरस आता है
मेरा कमरा जो मेरे दिल की हर इक धड़कन को
साल-हा-साल से चुपचाप गिने...
अकेला आदमी
अकेला आदमी लौटता है बहुत रात गए या शायद पूरी रात बाद भी
घर के ख़ालीपन को स्मृतियों के गुच्छे से खोलता हुआअगर वे लोग...
सिर्फ़ एक जूते का दिखना
'Sirf Ek Joote Ka Dikhna', Hindi Kavita by Deepak Jaiswal.एक जोड़ी जूते में
सिर्फ़ एक जूते का दिखना
एक त्रासद घटना हैउम्र भर साथ रहने के...