Tag: बातें

ik baar kaho tum meri ho - atif khan

वो बात जिस से ये डर था खुली तो जाँ लेगी

वो बात जिस से ये डर था खुली तो जाँ लेगी सो अब ये देखिए जा के वो दम कहाँ लेगी मिलेगी जलने से फ़ुर्सत हमें...
Nasira Sharma

असली बात

विभाजन, फिर से एक और कहानी प्रस्तुत है इसी विषय पर.. भारतीय साहित्यकारों ने मुश्किल ही इस त्रासदी का कोई भी पहलू अनछुआ छोड़ा होगा.. उन दिनों में जब दंगे हुआ करते थे तो उससे बचने के लिए कर्फ्यू लगा दिया जाता था, लेकिन वो कर्फ्यू केवल कहीं आने-जाने पर प्रतिबन्ध न होकर, खाने-पीने और जीने तक पर एक रोक के रूप में उभर कर आता था, खास तौर से उनके लिए जो रोज़ कमाने-खाने वाले हों.. ऐसे में उन दो वर्गों ने जहाँ-जहाँ नफरत भूलकर सोहार्द को नहीं अपनाया, वहां केवल नुकसान ही हुआ.. जान और माल दोनों का! पढ़िए नासिरा शर्मा की यह कहानी 'असली बात'!
Gopaldas Neeraj

स्वर्ग दूत से (ऐसी क्या बात है)

ऐसी क्या बात है, चलता हूँ अभी चलता हूँ गीत एक और ज़रा झूम के गा लूँ तो चलूँ! भटकी-भटकी है नज़र, गहरी-गहरी है निशा उलझी-उलझी है...
Balkrishna Bhatt

मतलब की बात

एक पंडित जी अपने लड़के को पढ़ा रहे थे.. 'मातृवत् परदारेषु' - "पर स्त्री को अपनी माँ के बराबर समझें।" लड़का मूर्ख था कहने लगा- "तो क्या पिता जी, आप मेरी स्त्री को माता के तुल्य समझते हैं?"
An article on Takhallus

आज बात करते हैं ‘तख़ल्लुस’ की..

आज बात करते हैं 'तख़ल्लुस' की - तसनीफ़ हैदर तख़ल्लुस असल में ऐसे नाम को कहते हैं जिसे शायर अपनी ग़ज़ल के मक़्ते (आख़री शेर)...
Shamser Bahadur Singh

बात बोलेगी

बात बोलेगी, हम नहीं। भेद खोलेगी बात ही। सत्य का मुख झूठ की आँखें क्या देखें! सत्य का रुख़ समय का रुख़ हैः अभय जनता को सत्य ही सुख है सत्य ही सुख। दैन्य दानव; काल भीषण;...
Lu Xun

आख़िरी बातचीत

पिताजी बहुत मुश्किल से ही साँस ले पा रहे थे। यहाँ तक कि उनकी सीने की धड़कन भी मुझे सुनाई नहीं दे रही थी।...

मन की बात

"सुनो।" "हाँ।" "अगर मेरे लिए कोई मन्दिर बनाकर उसमें मेरी मूर्ति रखे, तो मुझे तो बहुत अच्छा लगे।" "पर ऐसे पूजने वाले ज्यादा हो जायेंगे और प्यार...
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