Tag: Nursery Rhyme
बिल्ली के बच्चे
बिल्ली के ये दोनों बच्चे, कैसे प्यारे हैं,
गोदी में गुदगुदे मुलमुले लगें हमारे हैं।
भूरे-भूरे बाल मुलायम, पंजे हैं पैने,
मगर किसी को नहीं खौसते, दो...
सूरज दादा
सूरज दादा निकला भाई,
अँधेरों की हुई पिटाई।
धरती का स्कूल खुल गया,
मुर्गे ने जब बाँग लगाई।
पेड़ सब सावधान हो गए,
कोयल ने जब सीटी बजाई।
चिड़ियों ने...
तिल्लीसिंह
पहने धोती कुरता झिल्ली,
गमछे से लटकाए किल्ली,
कस कर अपनी घोड़ी लिल्ली,
तिल्लीसिंह जा पहुँचे दिल्ली!
पहले मिले शेख जी चिल्ली,
उनकी बहुत उड़ाई खिल्ली,
चिल्ली ने पाली थी...
बुढ़िया
बुढ़िया चला रही थी चक्की
पूरे साठ वर्ष की पक्की।
दोने में थी रखी मिठाई
उस पर उड़ मक्खी आई
बुढ़िया बाँस उठाकर दौड़ी
बिल्ली खाने लगी पकौड़ी।
झपटी बुढ़िया...
नानी का संदूक
नानी का संदूक निराला,
हुआ धुएँ से बेहद काला।
पीछे से वह खुल जाता है,
आगे लटका रहता ताला!
चंदन चौकी देखी उसमें,
सूखी लौकी देखी उसमें,
बाली जौ की...
देल छे आए
बाबा आज देल छे आए,
चिज्जी-पिज्जी कुछ ना लाए।
बाबा, क्यों नहीं चिज्जी लाए,
इतनी देली छे क्यों आए?
काँ है मेला बला खिलौना,
कलाकंद लड्डू का दोना
चूँ-चूँ गाने...