Tag: Race

Rahul Boyal

परिभाषा पीड़ की

तुम्हारी व्यस्तताओं का मैं हुआ अभ्यस्त रह गया हूँ केवल एक सरन्ध्र हृदय का स्वामी जिससे रित रही हैं प्रतिपल तुम्हारे लौटने की आशाएँ और भर रही...
Hima Das

हिमा! तुम्हारे पाँव

'Hima! Tumhare Paanv', a poem for Hima Das by Shweta Rai ऊर्जा से भरे नील गाय के पाँव जैसे तुम्हारे पाँव जानते हैं उस गति को जिस गति...
Sanwar Daiya

कालान्तरण

"तुम्हारे चिकने शरीर पर हाथ फेरते समय शरीर की नसें झनझनाने की जगह रसोई में रखे खाली डिब्बे बजने लगते हैं जब भी गीत गुनगुनाने के लिए हिलाता हूँ होंठ मुँह से प्रसारित होने लगते हैं बाजार भाव..."
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