Tag: Rashmi Saxena
चमकी
मरते वक़्त
उसकी दोनों आँखें खुली थीं
मछलियों की भाँति
आंकड़ों ने ज़ब्त कर लिए हैं
उनके नाम
उसकी आँखों के नीचे आये
स्याह घेरे में समूची दुनिया सवालों के
नीचे...
हत्या के रहस्य
उन्होंने पकड़ के रखा हुआ है
हमारी गर्दनों को
अपने हाथों से, रक्त से
सने हुए हैं उनके हाथ
हमारे हाथ
उनके मुताबिक़ काम करते हैं
हमारी आँख
उनके इशारे पर...
मुठ्ठी भर बचपन
लाल रंग की गेंदें
भेज दी गयी हैं कारखानों में
जहाँ भरी जाती है अब
उनमें बारूद
सारे बल्ले, बनाये जा रहे हैं
अब बन्दूकें
अब दोनों मिल कर
मैदान में डट...
पतन की ओर
गले तक रेत भरी हुई
मछलियाँ आसमान पर
टकटकी लगाये प्यास से
तड़प रही हैं
कुपोषण की शिकार
नदी दम तोड़ने की कगार पर है
सभ्यता के
आख़िरी दिनों का कचरा
जमा...