Tag: Time
समय
'समय' - बद्रीनारायण चौधरी ‘प्रेमघन’काव्यशासस्त्र विनोदेन कालो गच्छति धीमताम।
व्यसनेन च मूर्खाणां निद्रया कलहेन वा॥यह विख्यात है कि त्रिभुवन में विजय की पताका फहराने वाला,...
ग्यारह वर्ष का समय
"आज पाँच वर्ष मुझे इस स्थान पर आए हुए; संसार में किसी मनुष्य को आज तक यह प्रकट नहीं हुआ। यहाँ प्रेतों के भय से कोई पदार्पण नहीं करता; इससे मुझे अपने को गोपन रखने में विशेष कठिनता नहीं पड़ती। संयोगवश रात्रि में किसी की दृष्टि यदि मुझ पर पड़ी भी तो चुड़ैल के भ्रम से मेरे निकट तक आने का किसी को साहस न हुआ। यह आज प्रथम ऐसा संयोग उपस्थित हुआ है; तुम्हारे साहस को मैं सराहती हूँ और प्रार्थना करती हूँ कि तुम अपने शपथ पर दृढ़ रहोगे।"
हम अनंत तक जाएँगे
'Hum Anant Tak Jaenge', poetry by Shivaआज या कल?
सत्य वह है जो आज है?
या वह जो कल था?
सत्य वह भी हो सकता है
जो कल...