इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (BHU) से परास्नातक के पश्चात , वर्तमान में भूगोल विषय में शोध में सक्रियता है। शोध और भ्रमण के साथ लेखन में अधिक रूचि है।
अनुवाद: पंखुरी सिन्हा
युद्ध के बाद ज़िन्दगी
कुछ चीज़ें कभी नहीं बदलतीं
बग़ीचे की झाड़ियाँ
हिलाती हैं अपनी दाढ़ियाँ
बहस करते दार्शनिकों की तरह
जबकि पैशन फ़्रूट की नारंगी
मुठ्ठियाँ जा...
जयशंकर प्रसाद के जीवन पर केंद्रित उपन्यास 'कंथा' का साहित्यिक-जगत में व्यापक स्वागत हुआ है। लेखक श्यामबिहारी श्यामल से उपन्यास की रचना-प्रकिया, प्रसाद जी...