अगर विभेद ऊँच-नीच का रहा
अछूत-छूत भेद जाति ने सहा
किया मनुष्य औ’ मनुष्य में फ़रक़
स्वदेश की कटी नहीं कुहेलिका

अगर चला फ़साद शंख-गाय का
फ़साद सम्प्रदाय-सम्प्रदाय का
उलट न हम सके अभी नया वरक़
चढ़ी अभी स्वदेश पर पिशाचिका।

अगर अमीर वित्त में गड़े रहे
अगर ग़रीब कीच में पड़े रहे
हटा न दूर हम सके अभी नरक
स्वदेश की स्वतन्त्रता मरीचिका

Book by Harivanshrai Bachchan:

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हरिवंशराय बच्चन
हरिवंश राय श्रीवास्तव "बच्चन" (27 नवम्बर 1907 – 18 जनवरी 2003) हिन्दी भाषा के एक कवि और लेखक थे। इलाहाबाद के प्रवर्तक बच्चन हिन्दी कविता के उत्तर छायावाद काल के प्रमुख कवियों मे से एक हैं। उनकी सबसे प्रसिद्ध कृति मधुशाला है। बच्चन जी की गिनती हिन्दी के सर्वाधिक लोकप्रिय कवियों में होती है।

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