मैंने कठैती हड्डियों वाला एक हाथ देखा—
रंग में काला और धुन में कठोर।

मैंने उस हाथ की आत्मा देखी—
साँवली और कोमल
और कथा-कहानियों से भरपूर!

मैंने पत्थरों में खिंचा
सन्नाटा देखा
जिसे संस्कृति कहते हैं।

मैंने एक आँख वाला
इतिहास देखा
जिसे फ़िलहाल सत्य कहते हैं।

Book by Doodhnath Singh:

दूधनाथ सिंह
दूधनाथ सिंह (जन्म: १७ अक्टूबर, १९३६ एवं निधन १२ जनवरी, २०१८) हिन्दी के आलोचक, संपादक एवं कथाकार हैं। दूधनाथ सिंह ने अपनी कहानियों के माध्यम से साठोत्तरी भारत के पारिवारिक, सामाजिक, आर्थिक, नैतिक एवं मानसिक सभी क्षेत्रों में उत्पन्न विसंगतियों को चुनौती दी।