मैं इक फेरीवाला
बेचूँ यादें
सस्ती-महँगी, सच्ची-झूठी, उजली-मैली, रंग-बिरंगी यादें
होंठ के आँसू
आँखों की मुस्कान, हरी फ़रियादें
मैं इक फेरी वाला
बेचूँ यादें!
यादों के रंगीन ग़ुबारे
नीले-पीले, लाल-गुलाबी
रंग-बिरंगे धागों के कंधों पर बैठे खेल रहे हैं
ठेस लगी तो चीख़ उठेंगे
धागे की गर्दन से चिमटकर रह जाएँगे
मैं फिर इन रंगीं धागों में यादों के कुछ नए ग़ुब्बारे बाँध के गलियों-बाज़ारों से
कच्चे-पक्के दरवाज़ों से
आवाज़ें देता गुज़रूँगा
सस्ती-महँगी झूठी-सच्ची, उजली-मैली यादें ले लो
होंठ के आँसू
आँखों की मुस्कान, हरी फ़रियादें ले लो!