Tag: Diwali
जीवनोत्सव
'Jeewanotsav', a poem by Harshita Panchariyaक़तार में लगे है अनगिनत दीप,
कि रोशन करेंगे संसृति को,
उसी मानिंद जैसे नभ को
आभित करते है सैंकड़ो तारे।
बिना इस...
गोधूलि की दीवाली
'Godhuli Ki Diwali', Hindi Kavita by Anupama Jhaसुनो
दीवाली की सफ़ाई कर लो
हाँ करनी है अबकी, जमकर।
सबसे पहले
खूँटी पर टँगी
वो पोटली फेंकूँगी
जिसमें मेरी कितनी अनचाही
'हाँ' बँधी...
हमारे हिस्से की दिवाली
"मैंने लिस्ट बनाकर टेबल पर रख दी है। जाकर सारा सामान ले आओ। ऋषि को भी साथ ले कर जाना। और ये लो पैसे..."...
दिवाली के दिए
छत की मुंडेर पर दीवाली के दीए हाँफते हुए बच्चों के दिल की तरह धड़क रहे थे।मुन्नी दौड़ती हुई आई। अपनी नन्ही सी घगरी...
मिट्टी का दिया
झुटपुटे के वक़्त घर से एक मिट्टी का दिया
एक बुढ़िया ने सर-ए-रह ला के रौशन कर दिया
ताकि रह-गीर और परदेसी कहीं ठोकर न खाएँ
राह...