Tag: प्रेम

Read here the best Hindi Love Poems and Stories

usne toh nahin kaha tha - shaliesh matiyani

उसने तो नहीं कहा था

चंद्रधर शर्मा गुलेरी की कहानी 'उसने कहा था' में एक सिपाही युद्ध के मैदान में भी अपने प्रेम वचनों को याद रखता है, लेकिन शैलेश मटियानी की इस कहानी में किसी वचन का कोई बंधन नहीं था, फिर भी प्रेम सर्वोपरि रहा! इर्ष्या, क्रोध, असुरक्षा सभी को दरकिनार करता प्रेम! यह कहानी एक उदाहरण भी है कि कैसे एक रचना किसी दूसरी उत्कृष्ट रचना की प्रेरणा बन सकती है!
Usne Kaha Tha

उसने कहा था

'तेरी कुड़माई हो गई?' का जवाब मिला 'धत!' और युद्ध के मैदान में भी प्रेम वचनों को याद रखा गया। ज़बान पीने को पानी माँगती रही तो मन बार-बार दोहराता रहा 'उसने कहा था'।
Flower, Peace, War, Love

कमाल की प्रेम-कहानी

कमाल ने पूछा, "क्या तुम झुकोगी?" लतीफह ने कहा, “क्या तुम उस झुकाव की कीमत पर खुद झुककर उस झुके हुए पन को अपने हृदय से लगाओगे?” --- तुर्की के राष्ट्रपति से एक खबरी का प्रेम और फिर प्रेम और शासन का द्वंद्व! जहाँ 'पुष्प की अभिलाषा' जैसी कविताएँ आज भी हमारा मन राष्ट्र-प्रेम से भर देती हैं, वहीं माखनलाल चतुर्वेदी की यह कहानी, प्रेम को शासन से एक हाथ ऊपर रख कर देखती है। पढ़िए :)
Man and Woman, Restaurant, Cafe, Couple, Lovers

लवर्स

"मेरे एक हाथ में सिगरेट है, जिसे मैंने अभी तक नहीं जलाया। दूसरा हाथ टाँगों के नीचे दबा है। मैं आगे झुककर उसे दबाता हूँ। मुझे लगता है, जब तक वह मेरे बोझ के नीचे बिलकुल नहीं भिंच जाएगा तब तक ऐसे ही काँपता रहेगा।"
Man Silhouette

झेलम

प्रेम, भरोसा, समर्पण.. ये सारे शब्द एक ऐसी गुत्थी में उलझे रहते हैं कि किसी एक की डोर खिंचे तो तनाव दूसरों में भी...
Old Couple

प्रेम की एक कविता ताल्लुक़ के कई सालों का दस्तावेज़ है

त्याग, समर्पण और यहाँ तक कि अनकंडीशनल लव भी प्रेम में पुरानी बातें हैं। और पुरानी इसलिए क्योंकि जब भी किसी ने इन शब्दों...
Woman

मैं

कोई गिला तुझसे शिकायत कुछ नहीं है तेरी ही तरह मैंने भी लिखे हैं ऐसे अफ़साने निहायत पाक-तीनत, बे-ख़ता मासूम करैक्टर तराशे फिर उनको दर्द, नाकामी, ग़म व हसरत सज़ाएँ और...
Tamasha

तमाशा

उन्मादकता की शुरूआत हो जैसे जैसे खुलते और बन्द दरवाज़ों में खुद को गले लगाना हो जैसे कोनों में दबा बैठा भय आकर तुम्हारे हौसलों का माथा चूम जाए जैसे...
Kehte ho

कहते हो.. प्यार करते हो.. तो मान लेती हूँ

तुम कहती हो "कहते हो.. प्यार करते हो.. तो मान लेती हूँ" मगर, क्यों मान लेती हो? आख़िर, क्यों मान लेती हो? पृथ्वी तो नहीं मानती अपने गुरुत्व...

हम अनंत तक जाएँगे

'Hum Anant Tak Jaenge', poetry by Shiva आज या कल? सत्य वह है जो आज है? या वह जो कल था? सत्य वह भी हो सकता है जो कल...
Ramdhari Singh Dinkar

रामधारी सिंह ‘दिनकर’ की प्रेम कविताएँ

अमूमन रामधारी सिंह 'दिनकर' का नाम आते ही जो पंक्तियाँ किसी भी कविता प्रेमी की ज़बान पर आती हैं, वे या तो 'कुरुक्षेत्र' की...
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