Tag: प्रेम

Read here the best Hindi Love Poems and Stories

Gaurav Bharti

कविताएँ: अगस्त 2022

विस्मृति से पहले मेरी हथेली को कैनवास समझ जब बनाती हो तुम उस पर चिड़िया मुझे लगता है तुमने ख़ुद को उकेरा है अपने अनभ्यस्त हाथों से। चारदीवारी और एक...
Hand

शिवम तोमर की कविताएँ: मार्च 2022

कुछ संगीतों के लिए वर्तमान वैक्यूम होता है एक तरह का संगीत था मैंने सुना था फ़िल्मों में ख़ास क्षणों में बजता था जब भी बजता सब धीमा-सा हो...
Maya Ne Ghumayo - Mrinal Pande

प्रेम की ड्योढ़ी का सन्तरी

'माया ने घुमायो' उन कहानियों की आधुनिक प्रस्तुति है जो हमें वाचिक परम्परा से मिली हैं। ये कहानियाँ अपनी कल्पनाओं, अतिरंजनाओं और अपने पात्रों...
Alok Kumar Mishra

कविताएँ: फ़रवरी 2022

अच्छी दुनिया रहे हैं अच्छी दुनिया के मायने हमेशा से— खिले फूल और तितलियाँ, उड़ती चिड़ियाँ और हरे पेड़। हँसते-खिलखिलाते बच्चे और उनके खेल, प्रेम में डूबे हृदय और...
Antas Ki Khurchan - Yatish Kumar

‘अन्तस की खुरचन’ से कविताएँ

यतीश कुमार की कविताओं को मैंने पढ़ा। अच्छी रचना से मुझे सार्वजनिकता मिलती है। मैं कुछ और सार्वजनिक हुआ, कुछ और बाहर हुआ, कुछ...
Khoyi Cheezon Ka Shok - Savita Singh

‘खोई चीज़ों का शोक’ से कविताएँ

सविता सिंह का नया कविता संग्रह 'खोई चीज़ों का शोक' सघन भावनात्मक आवेश से युक्त कविताओं की एक शृंखला है जो अत्यन्त निजी होते...
Abstract, Woman

जीवन सपना था, प्रेम का मौन

जीवन सपना था आँखें सपनों में रहीं और सपने झाँकते रहे आँखों की कोर से यूँ रची हमने अपनी दुनिया जैसे बचपन की याद की गईं कविताएँ हमारा दुहराया...
Gaurav Bharti

कविताएँ: नवम्बर 2021

यात्री भ्रम कितना ख़ूबसूरत हो सकता है? इसका एक ही जवाब है मेरे पास कि तुम्हारे होने के भ्रम ने मुझे ज़िन्दा रखा तुम्हारे होने के भ्रम में मैंने शहर...
Aashika Shivangi Singh

आशिका शिवांगी सिंह की कविताएँ

माँ-पिता प्रेमी-प्रेमिका नहीं बन सके मेरी माँ जब भी कहती है— "प्रेम विवाह ज़्यादा दिन नहीं चलते, टूट जाते हैं" तब अकस्मात ही मुझे याद आने लगते...
Hungry, Poor

अहमद नियाज़ रज़्ज़ाक़ी की नज़्में

अब अब कहाँ है ज़बान की क़ीमत हर नज़र पुर-फ़रेब लगती है हर ज़ेहन शातिराना चाल चले धड़कनें झूठ बोलने पे तुलीं हाथ उठते हैं बेगुनाहों पर पाँव अब रौंदते...
Prayers, Joined Hands

अनुत्तरित प्रार्थना

'परिवर्तन प्रकृति का नियम है' यह पढ़ते-पढ़ाते वक़्त मैंने पूरी शिद्दत के साथ अपने रिश्तों में की स्थिरता की कामना प्रकृति हर असहज कार्य भी पूरी सहजता के...
Gaurav Bharti

कविताएँ: सितम्बर 2021

हादसा मेरे साथ प्रेम कम उसकी स्मृतियाँ ज़्यादा रहीं प्रेम जिसका अन्त मुझ पर एक हादसे की तरह बीता मुझे उस हादसे पर भी प्रेम आता है। गंध मैं तुम्हें याद करता हूँ दुनिया...
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