Tag: प्रेम

Read here the best Hindi Love Poems and Stories

Saadat Hasan Manto

बाय-बाय

नाम उसका फ़ातिमा था पर सब उसे फ़ातो कहते थे। बानिहाल के दर्रे के उस तरफ़ उसके बाप की पनचक्की थी जो बड़ा सादा...
Devesh Path Sariya

प्रेम को झुर्रियाँ नहीं आतीं

बुढ़िया ने गोद में रखा अपने बुड्ढे का सिर और मालिश करने लगी सिर के उस हिस्से में भी जहाँ से बरसों पहले विदा ले चुके थे बाल दोनों को...
Yashasvi Pathak

यशस्वी पाठक की कविताएँ

कविताएँ: यशस्वी पाठक एक कवि और लेखकों की शामें दोस्तों के साथ या सड़कों पर गश्त लगाते गुज़रती हैं जहाँ गर्भ धारण करते हैं उनके मस्तिष्क जिससे जन्म...
Adarsh Bhushan

विपश्यना

सहजता से कहे गए शब्दों के अर्थ अक्सर चेष्टापूर्ण और कठिन होते हैं जैसे तुमने कहा कि तुम्हें मेरा मौन काटता है और उससे...
Amrita Pritam

मुलाक़ात

मुझे पल-भर के लिए आसमान को मिलना था पर घबरायी हुई खड़ी थी कि बादलों की भीड़ में से कैसे गुज़रूँगी कई बादल स्याह काले थे ख़ुदा जाने—कब...
Shamsher Bahadur Singh

चुका भी हूँ मैं नहीं

चुका भी हूँ मैं नहीं कहाँ किया मैनें प्रेम अभी। जब करूँगा प्रेम पिघल उठेंगे युगों के भूधर उफन उठेंगे सात सागर। किन्तु मैं हूँ मौन आज कहाँ सजे मैनें साज अभी। सरल से भी...
Rahul Boyal

इन स्मृतियों को सहेज लो

"इन स्मृतियों को सहेज लो, एक दिन ये कहीं अधिक दीप्त होंगी" इतना ही कहा था तुमने और मुझे वक़्त की बेरहमी का अंदाज़ा हो गया इसलिए जितना...
Balswaroop Rahi

मेरे पास नहीं है श्रद्धा

मुझ पर गर्वित अहम्-भाव का शासन नहीं चलेगा किन्तु स्वयं झुककर तुम मुझे झुका लो, जितना मन हो। ऊँचे से ऊँचे पर्वत से ऊँचा मेरा माथा पर...
Abstract, Head, Human

शिवम तोमर की कविताएँ

रोटी की गुणवत्ता जिस गाय को अम्मा खिलाती रहीं रोटियाँ और उसका माथा छूकर माँगती रहीं स्वर्ग में जगह अब घर के सामने आकर रम्भियाती रहती है अम्मा ने तो खटिया...
Markanday Rai Neerav

कविताएँ: मार्च 2021

कम नहीं है तुम्हारे अगले दाँतों के बीच में फाँक है पर्याप्त है उतनी जगह फलने को जो हमारे बीच है आकाश-भर की इच्छाएँ नहीं एक पेड़ की चाहत है जो...
Rahul Boyal

एक ही दृश्य में खोए हुए दो लोग

एक ही दृश्य में खोए हुए दो लोग कुछ पल के लिए अदृश्य हो जाना चाहते थे दुनिया के लिए उस अकेले दृश्य में बींध दिए जाने के स्वप्न...
Melancholy, Sadness

इंस्टा डायरी: उदास शहर की बातें

जाड़े की सर्दी में खुरदरी दीवार से सटकर रात बिताती मन की नंगी पीठ। अलकतरे से भी ज़्यादा काली रात में काली बिल्ली की...
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