Read here the best Hindi Love Poems and Stories
Tag: प्रेम
एक दिन करेंगे बात केवल प्यार की
एक दिन करेंगे बात केवल प्यार की!
तुम कहोगे—रुको
तो मैं नहीं दिलाऊँगी याद
कि आठ बज गये हैं
चाँद चढ़ गया है
लौट जाओ घर तुम
कि तुम्हारे होने...
अशोक कुमार की कविताएँ
साथ रहना कितना आसान है
सबकी अपनी भाषा थी
पहाड़ों की अपनी
नदियों की अपनी
और हमारी अपनी अलग
मैं, पहाड़ और नदियाँ
फिर भी साथ-साथ रहे
सबसे सूखे दिनों को
उदासी...
नज़्में : तसनीफ़
मैं और एक कुल्हाड़ी
इस बग़ीचे में
मैंने जितने पौदे लगाए हैं
किसी दिन अपनी उदासी की कुल्हाड़ी से
मैं ही उन्हें उखाड़ फेंकूँगा
मेरे अंदर वहशत के बीज...
जॉन डन की कविता ‘मैं इसलिए नहीं जा रहा हूँ’
कविता: 'मैं इसलिए नहीं जा रहा हूँ' ('Sweetest love, I do not go')
कवि: जॉन डन (John Donne)
भावानुवाद: दिव्या श्री
मेरी प्यारी महबूबा!
मैं इसलिए नहीं जा...
पता
मैंने उसे ख़त लिखा था
और अब पते की ज़रूरत थी
मैंने डायरियाँ खँगालीं
किताबों के पुराने कबाड़ में खोजा
फ़ोन पर कई हितैशियों से पूछा
और हारकर बैठ...
विदा ले चुके अतिथि की स्मृति
मैं विदा ले चुका अतिथि (?) हूँ
अब मेरी तिथि अज्ञात नहीं, विस्मृत है।
मेरे असमय प्रस्थान की ध्वनि
अब भी करती है कोहरे के कान में...
उसका होना
उसके नाम की प्रतिध्वनि
किसी स्पन्दन की तरह
मन की घाटी में
गहरी छुपी रही
और मैं एक दारुण हिज्र जीती रही
वेदना, व्याकुलता के मनोवेगों में
त्वरित बिजुरी की...
कायनात की कविताएँ
1
इश्क़,
तुम मेरी ज़िन्दगी में आओ तो यूँ आओ
कि जैसे किसी पिछड़े हुए गाँव में
कोई लड़की घण्टों रसोई में खपने के बाद
पसीने से भीगी बाहर...
पूजा शाह की कविताएँ
पाज़ेब
पाज़ेब पाँवों में नहीं
स्तनों पर पहनने से सार्थक होंगी
जब औरतें क़दम रखती हैं
पकौड़ियों की थाली लिए
आदमियों से भरे कमरे में
उनकी गपशप के बीच
या जब...
कविताएँ: जुलाई 2021
लौट आओ तुम
तुम रहती थीं
आकाश में
बादलों के बीच
तारों के संग
चाँद के भीतर
खुली धूप में
हरी घास में
फूलों में
झरते हरसिंगार में
गौरैयों की आवाज़ में
कोयल की मीठी...
बचपन में दुपहरी थी, बरगद देखता है
बचपन में दुपहरी थी
एक पेड़ था
एक चिड़िया थी
एक तालाब था
तीनों गाँव में थे
चिड़िया गाती थी
चिड़िया पेड़ में थी
पेड़ था तालाब में
तालाब दुपहरी में था
दुपहरी...
किताब अंश: ‘जया गंगा’ – विजय सिंह
प्रख्यात लेखक, फ़िल्मकार और पटकथा लेखक विजय सिंह का बहुप्रशंसित उपन्यास 'जया गंगा' राजकमल प्रकाशन से हिन्दी में प्रकाशित हुआ है। अंग्रेज़ी और फ़्रेंच...