आज गोरैया ने
गाना गाया,
पोखर में
नहायीं जी भर,
धूप में बेख़ौफ़
ख़ुद को सुखाया
फुदकती फिरी
घास पर यूँ ही,
सबने मिल
चौपाल सजाया,
बातों-बातों में
किसी से रूठीं,
फिर बातों से
उन्हें मनाया,
आज किसी से
नहीं डरीं वो,
आज किसी ने
नहीं डराया…
©®अमनदीप/विम्मी