गुज़र आखिरी है, बसर आख़िरी है,
दुआओं का तेरी असर आख़िरी है,
नहीं मिल सकेंगे अगर अबकि बिछड़े
के चलता हूँ मैं अब सफर आख़िरी है,
मेरी याद में तुम परेशां रहोगे,
सुनो तुमको मेरी खबर आख़िरी है,
कभी भी नहीं फिर मिलेगी ये रहमत,
ख़ुदा की ये मुझ पर नज़र आख़िरी है,
मेरा बचपना अब वहीं पर मिलेगा,
मिरे गाँव में जो शजर आख़िरी है,
अगर ज़िन्दगी खत्म होने है वाली,
इसी पल में जी लें अगर आख़िरी है,
ज़माने को तुझसे भी तकलीफ़ होगी,
शहर में बचा तेरा घर आख़िरी है।