एक किताब ख़रीदी जाएगी कविताओं की
और एक फ़्रॉक बिटिया के लिए
छेदों वाली साड़ी
माँ की दिनचर्या से अलग हो जाएगी
एक बिन्दी का पत्ता चुनकर ख़रीदने का वक़्त होगा
बाहर की खिड़की के लिए पर्दे के कपड़ा
और अचार के लिए
ख़रीदा जाएगा थोड़ा-सा आँवला
उस पीले फूल के गुलदस्ते का भाव तय करते हुए
एक कॉफ़ी पी जाएगी फ़ुरसत के साथ
बर्फ़ ज़्यादा नहीं गिरेगी
हवा का ग़ुस्सा कम होगा इस बार
चेहरों का पीलापन मरेगा
और हम
एक-दूसरे को देखकर सचमुच खिल उठेंगे
हाँ, यह सब होना है
इस बार के ऐरिअर्स पर..।