एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!
हाथी सा बलवान,
जहाज़ी हाथों वाला और हुआ!
सूरज-सा इंसान,
तरेरी आँखोंवाला और हुआ!
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!
माता रही विचार,
अँधेरा हरनेवाला और हुआ!
दादा रहे निहार,
सबेरा करनेवाला और हुआ!
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!
जनता रही पुकार,
सलामत लानेवाला और हुआ!
सुन ले री सरकार,
क़यामत ढानेवाला और हुआ!
एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!