एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!

हाथी सा बलवान,
जहाज़ी हाथों वाला और हुआ!
सूरज-सा इंसान,
तरेरी आँखोंवाला और हुआ!

एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!

माता रही विचार,
अँधेरा हरनेवाला और हुआ!
दादा रहे निहार,
सबेरा करनेवाला और हुआ!

एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!

जनता रही पुकार,
सलामत लानेवाला और हुआ!
सुन ले री सरकार,
क़यामत ढानेवाला और हुआ!

एक हथौड़ेवाला घर में और हुआ!

Book by Kedarnath Agarwal:

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केदारनाथ अग्रवाल
केदारनाथ अग्रवाल (जन्म: 1 अप्रैल, 1911; मृत्यु: 22 जून, 2000) प्रगतिशील काव्य-धारा के एक प्रमुख कवि हैं। उनका पहला काव्य-संग्रह 'युग की गंगा' देश की आज़ादी के पहले मार्च, 1947 में प्रकाशित हुआ। हिंदी साहित्य के इतिहास को समझने के लिए यह संग्रह एक बहुमूल्य दस्तावेज़ है।

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