Tag: Fahmida Riaz
इस गली के मोड़ पर
इस गली के मोड़ पर इक अज़ीज़ दोस्त ने
मेरे अश्क पोंछकर
आज मुझसे ये कहा—
यूँ न दिल जलाओ तुम
लूट-मार का है राज
जल रहा है कुल...
अब सो जाओ
अब सो जाओ
और अपने हाथ को मेरे हाथ में रहने दो
तुम चाँद से माथे वाले हो
और अच्छी क़िस्मत रखते हो
बच्चे की सी भोली सूरत
अब तक...
ज़बानों का बोसा
ज़बानों के रस में ये कैसी महक है
ये बोसा कि जिससे मोहब्बत की सहबा की उड़ती है ख़ुश्बू
ये बद-मस्त ख़ुश्बू जो गहरा ग़ुनूदा नशा...
कब तक
कब तक मुझ से प्यार करोगे
कब तक?
जब तक मेरे रहम से बच्चे की तख़्लीक़ का ख़ून बहेगा
जब तक मेरा रंग है ताज़ा
जब तक मेरा...
तुम बिल्कुल हम जैसे निकले
तुम बिल्कुल हम जैसे निकले
अब तक कहाँ छिपे थे भाई
वो मूरखता, वो घामड़पन
जिसमें हमने सदी गँवायी
आख़िर पहुँची द्वार तुम्हारे
अरे बधाई, बहुत बधाई।
प्रेत धर्म का...
मेघदूत
सनसनाहटों के साथ
गड़गड़ाहटो के साथ
आ गया
पवन रथ पे बैठ कर
मेरा मेघ देवता
दोश पर हवाओं के
बाल उड़ाता हुआ
उसका जामुनी बदन
आसमाँ पे छा गया
दूर तक गरज...