Tag: Premchand
अनिष्ट शंका
चाँदनी रात, समीर के सुखद झोंके, सुरम्य उद्यान। कुँवर अमरनाथ अपनी विस्तीर्ण छत पर लेटे हुए मनोरमा से कह रहे थे— "तुम घबराओ नहीं,...
पण्डित मोटेराम शास्त्री
पण्डित मोटेराम जी शास्त्री को कौन नहीं जानता! आप अधिकारियों का रुख़ देखकर काम करते हैं। स्वदेशी आन्दोलन के दिनों में आपने उस आन्दोलन...
बोध
पंडित चंद्रधर ने अपर प्राइमरी में मुदर्रिसी तो कर ली थी, किन्तु सदा पछताया करते थे कि कहाँ से इस जंजाल में आ फँसे।...
मैकू
क़ादिर और मैकू ताड़ीखाने के सामने पहुँचे, तो वहाँ कांग्रेस के वालंटियर झण्डा लिए खड़े नज़र आए। दरवाज़े के इधर-उधर हज़ारों दर्शक खड़े थे।...
खुचड़
यह कहानी यहाँ सुनें:
https://youtu.be/bFOAalbYyOkबाबू कुन्दनलाल कचहरी से लौटे तो देखा कि उनकी पत्नीजी एक कुँजड़िन से कुछ साग-भाजी ले रही हैं। कुँजड़िन पालक टके...
बौड़म
प्रेमचंद की कहानी 'बौड़म' | 'Baudam', a story by Premchandमुझे देवीपुर गये पाँच दिन हो चुके थे, पर ऐसा एक दिन भी न होगा...
गालियाँ
प्रेमचंद का लेख 'गालियाँ' | 'Gaaliyaan', an article by Premchandहर एक जाति का बोल-चाल का ढंग उसकी नैतिक स्थिति का पता देता है, अगर...
रामलीला
प्रेमचंद की कहानी 'रामलीला' | 'Ramleela', a story by Premchandइधर एक मुद्दत से रामलीला देखने नहीं गया। बंदरों के भद्दे चेहरे लगाए, आधी टाँगों...
बूढ़ी काकी
'Boodhi Kaki', a story by Premchandबुढ़ापा बहुधा बचपन का पुनरागमन हुआ करता है। बूढ़ी काकी में जिह्वा-स्वाद के सिवा और कोई चेष्टा शेष न...
प्रेमचंद
प्रेमचंद के उद्धरण | Premchand Quotes in Hindi
'दो सखियाँ' से
"स्त्री और पुरुष में मैं वही प्रेम चाहता हूँ, जो दो स्वाधीन व्यक्तियों में होता...
पंच-परमेश्वर
'Panch Parmeshwar', a story by Premchandजुम्मन शेख और अलगू चौधरी में गाढ़ी मित्रता थी। साझे में खेती होती थी। कुछ लेन-देन में भी साझा...
सांसारिक प्रेम और देश प्रेम
'Sansarik Prem Aur Desh Prem', Hindi Kahani by Premchandशहर लन्दन के एक पुराने टूटे-फूटे होटल में जहाँ शाम ही से अँधेरा हो जाता है,...