दुनिया जैसे एक बारिश है

दो बूँदें हैं हम दोनों,
स्वयं में सम्पूर्ण
एक बूँद बस मैं,
एक बूँद तुम

***

ख़ुश्की आँखों की,
मन का खुरदुरापन
बीती किसी याद की
नमी से भरे नयन…

बारिश कितना कुछ ढक लेती है
रख देती है कितना कुछ बारिश
बादलों की जेब में

***

दिन भर की थकन की गठरी हैं बादल
बारिश लॉन्ड्री है…

बन्द रहती है लॉन्ड्री अक्सर
थकन को फ़ुरसत नहीं
किसी भी दिन

दिखते नहीं बादल
मन की थकन के!

Previous articleख़बर करना मुझे
Next articleवोट देकर

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here