बहारें आएँगी, होंठों पे फूल खिलेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे

सितारों को मालूम था छिटकेगी चाँदनी,
सजेगा साज प्यार का, बजेगी पैंजनी
बसोगे मन में तुम तो मन के तार बजेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे

मिला के नैन हम-तुम दो से एक हो गए
अजी हम तुम पे पलकें उठाते ही खो गए
नैना झुकायेंगे, जिया निछावर करेंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे

कली जैसा कच्चा मन कहीं तोड़ न देना
बहारों के जाने पे कहीं छोड़ ना देना
बिछड़ने से पहले हम अपनी जान दे देंगे
सितारों को मालूम था, हम दोनों मिलेंगे!

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गोपाल सिंह नेपाली
गोपाल सिंह नेपाली (1911 - 1963) हिन्दी एवं नेपाली के प्रसिद्ध कवि थे। उन्होने बम्बइया हिन्दी फिल्मों के लिये गाने भी लिखे। वे एक पत्रकार भी थे जिन्होने "रतलाम टाइम्स", चित्रपट, सुधा, एवं योगी नामक चार पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। सन् १९६२ के चीनी आक्रमन के समय उन्होने कई देशभक्तिपूर्ण गीत एवं कविताएं लिखीं जिनमें 'सावन', 'कल्पना', 'नीलिमा', 'नवीन कल्पना करो' आदि बहुत प्रसिद्ध हैं।

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