‘Chunana Prem’, a poem by Amandeep Gujral

प्रेम और ईश्वर से
किसी एक को चुनना हो
तो चुनना प्रेम
और बाँट देना उसे औरतों में,
यक़ीन मानो
वो प्रेम को सहेजना जानती हैं,
अनगिनत रिश्तों में ढल
औरतें बाँट देंगीं प्रेम
आने वाली पीढ़ियों में
और ये धरती
हो जाएगी ईश्वरमय।

© अमनदीप / विम्मी
०१/०२/२०२०

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