ग्राफ पेपर
को देख के लगता है
जैसे ये है
छिपकली और साँपों की दुनिया
या फिर
छोटी-छोटी जेलें
जहाँ हर जीव अपने ही अहसासों का बन्दी है
या फिर ये है
रिश्तों का मायाजाल
जहाँ असफल प्रेमी युगल खोज रहे
रास्ता क्षुधा की तृप्ति का

ज़िन्दगी ग्राफ पेपर पर
वक़्त का एक फंक्शन है
जहाँ
‘X’ अक्ष पर है कल्पना
और ‘Y’ अक्ष पर है हक़ीक़त

ज़िन्दगी एक रेखा सी झूलती है
हक़ीक़त के भुज के नज़दीक
और कल्पनाओं की कोटि से
परे, बहुत परे

कभी छूती है हक़ीक़त के बिंदुओं को
और बढ़ती रहती है
अनंतस्पर्शी कल्पनाओं को
इर्द गिर्द

ज़िन्दगी ग्राफ पेपर पर
वक़्त का एक फंक्शन है!

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