“मैंने उसके गले पर छुरी रखी, हौले-हौले फेरी और उसको हलाल कर दिया।”

“यह तुमने क्या किया?”

“क्यों?”

“इसको हलाल क्यों किया?”

“मजा आता है इस तरह।”

“मजा आता है के बच्चे… तुझे झटका करना चाहिए था… इस तरह।”

और हलाल करनेवाले की गर्दन का झटका हो गया।

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सआदत हसन मंटो
सआदत हसन मंटो (11 मई 1912 – 18 जनवरी 1955) उर्दू लेखक थे, जो अपनी लघु कथाओं, बू, खोल दो, ठंडा गोश्त और चर्चित टोबा टेकसिंह के लिए प्रसिद्ध हुए। कहानीकार होने के साथ-साथ वे फिल्म और रेडिया पटकथा लेखक और पत्रकार भी थे। अपने छोटे से जीवनकाल में उन्होंने बाइस लघु कथा संग्रह, एक उपन्यास, रेडियो नाटक के पांच संग्रह, रचनाओं के तीन संग्रह और व्यक्तिगत रेखाचित्र के दो संग्रह प्रकाशित किए।

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