‘Janamdin’, Hindi Kavita by Amar Dalpura

जुलाई में होती है बारिश
जुलाई में बोए हैं बीज
जुलाई में खुलते हैं स्कूल
जुलाई में जन्मे हैं गाँव के सारे लड़के
और कुछ लड़कियाँ भी जुलाई में जन्मी हैं

जो स्कूल नहीं गये
उनके जन्म का अता-पता करना मुश्किल है

फ़सल की तरह जन्मा हूँ मैं
सात भाई-बहनों को याद करते हुए कहते हैं पिता
मेरे जन्म की तारीख़
ज्वार-बाजरा और सरसो के
आधार पर तय की गयी।

आगला संवत में ज़ोर की सरसों हुई
पिछला संवत में तालाब फूटा था
माट्साब, या छोरो तो अकाल की साल में पैदा हुआ
अब आप ही लिख दो तारीख़

मौसम की तरह आया हूँ मैं
साढ़-जेठ-पौस के महिने को याद करती हुई कहती है माँ
भुरया से दो साल छोटा, लोहड़ी से बारह महिनें बड़ा है तू

जन्म की उम्र सिर्फ़ मृत्यु जानती है
मृत्यु का अर्थ सिर्फ़ जीवन समझता है
मैं जन्मदिन को कैसे जानता?

साँस की उम्र हवा समझती है
मैं प्रेम का अर्थ ऑक्सीजन समझता हूँ…

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