अनुवाद: अर्चना कंसल

 

“दुःख की भूलभुलैया से बाहर निकलने का एकमात्र रास्ता क्षमा करना है।”

 

“मनुष्यों के द्वारा छोड़े गए निशान अक्सर घाव के होते हैं।”

 

“संसार एक इच्छा-पूर्ति कारखाना नहीं है।”

 

“यदि आप कुछ उल्लेखनीय करने का प्रयत्न भी नहीं करते तो जीवित रहने का क्या अर्थ है?”

 

“दुःख आपको बदलता नहीं है, वह आपको ज़ाहिर करता है।”

 

“किताबें इतनी ख़ास, इतनी दुर्लभ और इतनी अपनी होती हैं कि आपके स्नेह का प्रचार, विश्वासघात की तरह प्रतीत होता है।”

 

“अगर आप कल्पना नहीं करते हो, कुछ भी कभी घटित ही नहीं होता है।”

 

“हमें कभी भी निराश होने की ज़रूरत नहीं है क्योंकि हम कभी भी अपूरणीय रूप से टूट नहीं सकते।”

 

“कुछ अनन्त दूसरे अनन्तों से बड़े होते हैं।”

 

“प्रेम, वादों को चाहे जैसे भी हो, निभाने का नाम है।”

 

“एक इंसान को दूसरे से ज़्यादा समझना कितनी अधर्मी बात है।”

 

“कुछ सैलानी सोचते हैं कि ऐम्स्टर्डैम पाप का शहर है, लेकिन वास्तव में वह आज़ादी का शहर है। और आज़ादी में, अधिकतर लोग पाप ढूँढ लेते हैं।”

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जॉन ग्रीन
अमेरिकी लेखक व व्लॉगर!

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