ज़ख़्मी रॉनी की याद में

सबसे दुखद एहसास होता है
उसकी छुअन का याद आना
जो मर चुका है–
उसकी टाँग पे लगा लहू
आपका उसको छूना
उसका अकस्मात मुड़ के भौंकना;
पल दो पल को धमनियों में ख़ून
स्थिर हो जाता है
मौन श्रद्धांजलि देने को…
फिर चलता है वापिस, पर
रास्ता भटक जाता है।

सबसे दुखद एहसास होता है
धमनियों में ख़ून का
रास्ता भटक जाना।

Previous articleनींद क्यों रात-भर नहीं आती
Next articleलकड़ी की आह
सहज अज़ीज़
नज़्मों, अफ़सानों, फ़िल्मों में सच को तलाशता बशर। कला से मुहब्बत करने वाला एक छोटा सा कलाकार।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here