“बहुत सारे लोग पेड़ लगाते हैं, लेकिन उनमें से कुछ को ही उसका फल मिलता है।”
“लोग बचपन खेल-कूद में बिताते हैं, लेकिन मैं बारह-तेरह साल की उम्र में ही किताब लेकर लोगों की नज़रों से बचने के लिए एक कोने में अपने आपको छिपाने की कोशिश करता था।”
“लोगों को यह सलाह देना सबसे बड़े धोखों में से एक होगा कि भौगोलिक, आर्थिक और सांस्कृतिक रूप से भिन्न क्षेत्रों को धार्मिक संबंध जोड़ सकते हैं।”
“मुसलमानों के लिए बिच्छू और साँप से सुलह कर लेना, पहाड़, ग़ुफा और बिलों के भीतर घूमना और वहाँ जंगली जानवरों के साथ चैन से रहना आसान है, लेकिन उनके लिए अंग्रेज़ों के साथ संधि के लिए हाथ बढ़ाना मुमकिन नहीं है।”
“मुझे एक भारतीय होने पर गर्व है। मैं एक अविभाज्य एकता का हिस्सा रहा हूँ जो कि भारतीय राष्ट्रीयता है। मैं इस भव्य संरचना का अपरिहार्य अंग हूँ और मेरे बिना यह शानदार संरचना अधूरी है। मैं एक आवश्यक तत्व हूँ जो भारत का निर्माण के लिए कटिबद्ध है। मैं अपने इस दावे को कभी ख़ारिज नहीं कर सकता।”
“हमें एक पल के लिए भी यह नहीं भूलना चाहिए कि प्रत्येक व्यक्ति का यह जन्मसिद्ध अधिकार है कि उसे बुनियादी शिक्षा मिले, बिना इसके वह पूर्ण रूप से एक नागरिक के अधिकार का निर्वहन नहीं कर सकता।”
“आज अगर आसमान से फ़रिश्ता भी उतर आए और दिल्ली के क़ुतुब मीनार की चोटी पर से एलान करे कि हिन्दुस्तान अगर हिन्दू-मुस्लिम एकता का ख्याल छोड़ दे तो वह चौबीस घंटों में आज़ाद हो सकता है, तो हिन्दू-मुस्लिम एकता के बजाय देश की आज़ादी को मैं छोड़ दूँगा। क्योंकि अगर आज़ादी आने में देर लग भी जाए तो इससे सिर्फ़ भारत का ही नुक़सान होगा, लेकिन हिन्दू-मुसलमानों के बीच एकता अगर न रहे तो इससे दुनिया की सारी इन्सानियत का नुक़सान होगा।”
“हिंदुस्तान की धरती पर इस्लाम को आए ग्यारह सदियां बीत गई हैं। और अगर हिन्दू धर्म यहाँ के लोगों का हज़ारों बरसों से धर्म रहा है तो इस्लाम को भी हज़ार साल हो गए हैं। जिस तरह से एक हिन्दू गर्व के साथ यह कहता है कि वह एक भारतीय है और हिन्दू धर्म को मानता है, तो उसी तरह और उतने ही गर्व के साथ हम भी कह सकते हैं कि हम भी भारतीय हैं और इस्लाम को मानते हैं। इसी तरह ईसाई भी यह बात कह सकते हैं।”
“मध्यरात्रि के ठीक बारह बजे… भारत के जीवन का, उसकी आज़ादी के युग का आरम्भ होगा… इस पवित्र क्षण में हम सब यह प्रतिज्ञा करते हैं कि भारत और उसकी जनता की सेवा में हम अपने को समर्पित कर देंगे… और इसलिए अपने सपनों को वास्वतिक रूप देने के लिए हमें और मेहनत करनी है और काम करना है।”
“जामा मस्जिद की ऊंची मीनारें तुमसे पूछ रही हैं कि जा रहे हो, तुमने इतिहास के पन्नों को कहाँ खो दिया। कल तक तुम यमुना के तट पर वजू किया करते थे और आज तुम यहाँ रहने से डर रहे हो। याद रखो कि तुम्हारे ख़ून में दिल्ली बसी है। तुम समय के इस झटके से डर रहे हो। वे तुम्हारे पूर्वज ही थे जिन्होंने गहरे समुद्र में छलांग लगाई, मज़बूत चट्टानों को काट डाला, कठिनाइयों में भी मुस्कुराए, आसमान की गड़गडाहट का उत्तर तुम्हारी हँसी के वेग से दिया, हवाओं की दिशा बदल दी और तूफ़ानों का रूख मोड़ दिया। यह भाग्य की विडम्बना है कि जो लोग कल तक राजाओं की नियति के साथ खेले उन्हें आज अपने ही भाग्य से जूझना पड़ रहा है और इसलिए वे इस मामले में अपने परमेश्वर को भी भूल गये हैं जैसे कि उसका कोई आस्तित्व ही न हो। वापस आओ यह तुम्हारा घर है, तुम्हारा देश।”
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Nice इसको पढ़कर कोई भी व्यक्ति अपने जीवन में परिवर्तन ला सकता हैं तथा जीवन को सुन्दर बना सकता हैं