देश की क्या हालत है, इसके आंकलन रोजाना ही लगते हैं,
हर रोज लोग सुबह उठते हैं, और लाखों ख्वाब जगते हैं,
मुद्दा देश की तरक्की का हो या अयोध्या, राम-मंदिर का,
राजनीति के आंकड़े रोज ही उन ख्वाबों को ठगते हैं..
देश की क्या हालत है, इसके आंकलन रोजाना ही लगते हैं,
हर रोज लोग सुबह उठते हैं, और लाखों ख्वाब जगते हैं,
मुद्दा देश की तरक्की का हो या अयोध्या, राम-मंदिर का,
राजनीति के आंकड़े रोज ही उन ख्वाबों को ठगते हैं..