रोबेर्तो बोलान्यो के उद्धरण | Roberto Bolaño Quotes in Hindi

अनुवाद: पुनीत कुसुम

“अगर आप वही कहने जा रहे हैं जो आप कहना चाहते हैं, तो आपको वह सुनना होगा जो आप नहीं सुनना चाहते।”

 

“कविता और क़ैदख़ाना हमेशा से पड़ोसी रहे हैं।”

 

“आपको खोजना आना चाहिए, भले आपको यह मालूम न हो कि आप क्या खोज रहे हैं!”

 

“संसार की प्रत्येक किताब मेरे द्वारा पढ़े जाने के इंतज़ार में है।”

 

“एक कविता से आप एक लड़की से अपना प्रेम तो जता सकते हैं, लेकिन कविता से उसे अपने पास रोक नहीं सकते, यहाँ तक कि एक काव्य आन्दोलन से भी नहीं।”

 

“कविताएँ सुनाने का और मुट्ठियाँ भींचने का अपना-अपना समय होता है।”

 

“हम गहरी हताशा के क्षणों में ही जीवन की विवेचना करते हैं।”

 

“मैं एक शिक्षित व्यक्ति हूँ, जिन क़ैदख़ानों को मैं जानता हूँ, वे बड़े सूक्ष्म होते हैं।”

 

“किताबें चुराने की असुविधाओं में से एक – ख़ास तौर से मेरे जैसे नौसिखिये के लिए – यह है कि कभी-कभी आपको वही लेना पड़ता है जो आपको मिल सकता है।”

 

“मैंने उस रसातल के बारे में सोचना शुरू किया जो एक पाठक से एक कवि को अलग करता है और अगले ही पल मैंने ख़ुद को गहरी उदासी में डूबा पाया।”

 

“सभी नाम खो जाते हैं। बच्चों को यह प्राथमिक स्कूल में पढ़ाया जाना चाहिए। लेकिन हम उन्हें पढ़ाने से डरते हैं।”

 

“पढ़ना है- जैसे सोचना, जैसे प्रार्थना करना, जैसे एक दोस्त से बातें करना, जैसे अपने विचारों को व्यक्त करना, जैसे दूसरों के विचारों को सुनना, जैसे संगीत सुनना, जैसे दृश्य देखना, जैसे समुद्र के किनारे पर टहलना।”

 

“प्रत्येक सौ फ़ुट पर यह दुनिया बदल जाती है।”

रोबेर्तो बोलान्यो
स्पैनिश भाषा के उपन्यासकार, कहानीकार, कवि व निबन्धकार!