Tag: Farmers

Farmer

किसान – पन्द्रह लघु कविताएँ

Poems: Pratap Somvanshi एक एक ऐसा बकरा जिसे पूरा सरकारी अमला काटता खाता सेहत बनाता है और वह दूसरों के लिए चारा उगाता है चारा बन जाता है दो कुनीतियों की डायन अपने ही बच्चे खाती...
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हरहू

'Harahu', a poem by Anupama Mishra उबला हुआ मौसम सीने में खौलता लहू, अबकी बार जो बरसात ना हुई लटकेगा पेड़ से एक और हरहू। पिछली बरस जब बरसी थी...
Maithili Sharan Gupt

किसान

हेमन्त में बहुदा घनों से पूर्ण रहता व्योम है पावस निशाओं में तथा हँसता शरद का सोम है हो जाए अच्छी भी फ़सल, पर लाभ कृषकों...
Farmers

व्यस्तता

साहेब से मिलने किसान आया है साथ में रेहु मच्छली भी लाया है साहेब व्यस्त हैं कुछ लिखने-पढ़ने में बीच-बीच में चाह की घूंट भी ले लेते...
Ox, Village, Farmer

बस इतना

'Bas Itna', a poem by Abdul Malik Khan मैंने कब कहा कि मुझे कबाब बिरियानी और काजू किशमिश का कलेवा दो तीखी सुगन्ध से सराबोर सतरंगी पोशाक दो, मैंने...
sardar puran singh

हल चलाने वाले का जीवन

'Hal Chalaane Wale Ka Jeewan', an essay by Sardar Puran Singh हल चलाने वाले और भेड़ चराने वाले प्रायः स्वभाव से ही साधु होते हैं।...
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