Tag: विभाजन
घाटे का सौदा
'घाटे का सौदा' - सआदत हसन मंटोदो दोस्तों ने मिलकर दस-बीस लड़कियों में से एक लड़की चुनी और बयालीस रुपए देकर उसे खरीद लिया।रात...
तक़सीम
"काका तू जहाँ मरजी है रह। तू मुसलमान हो गया है तो कोई बात नहीं, पर मान तो ले तू ही मेरा बेटा है, पिन्नी।"तक़सीम यानी विभाजन में अनगिनत लोग अपने परिवारों से बिछड़ गए और वे परिवार उन लोगों का केवल इंतज़ार करते रहे.. अधिकतर लोगों के लिए यह इंतज़ार कभी न ख़त्म होने वाला इंतज़ार भी था और इतना भयावह कि इससे छुटकारा पाने के लिए इंसान एक झूठी तसल्ली का आसरा तक खोजने लगा था..गुलज़ार को जब किसी ने बताया कि वो उनके बिछुड़े हुए बेटे हैं और गुलज़ार जब उनके घर गए तो क्या हुआ.. पढ़िए इस कहानी में!
ग़लती का सुधार
"कौन हो तुम?""तुम कौन हो?""हर-हर महादेव… हर-हर महादेव!""हर-हर महादेव!""सुबूत क्या है?""सुबूत…? मेरा नाम धरमचंद है।""यह कोई सुबूत नहीं।""चार वेदों में से कोई भी बात...
करामात
'करामात' - सआदत हसन मंटोलूटा हुआ माल बरामद करने के लिए पुलिस ने छापे मारने शुरू किए।लोग डर के मारे लूटा हुआ माल रात...
टिटवाल का कुत्ता
'Titwal Ka Kutta', a story by Saadat Hasan Mantoकई दिनों से दोनों तरफ से सिपाही अपने-अपने मोर्चे पर जमे हुए थे। दिन में इधर...
खोल दो
'खोल दो' - सआदत हसन मंटो
अमृतसर से स्पेशल ट्रेन दोपहर दो बजे चली और आठ घंटों के बाद मुगलपुरा पहुंची। रास्ते में कई आदमी...
ठण्डा गोश्त
'ठण्डा गोश्त' - सआदत हसन मंटो
ईशरसिंह ज्यों ही होटल के कमरे में दाखिल हुआ, कुलवन्त कौर पलंग पर से उठी। अपनी तेज-तेज आँखों से...
धुआँ
एक मुसलमान चौधरी का बड़ा सम्मान था गांव में, हिन्दू और मुस्लिम दोनों वर्गों में, लेकिन केवल तब तक जब तक कि उनकी मौत के बाद उनका वसीयतनामा सामने न आ गया, जिसमें लिखा था कि उन्हें दफनाया न जाए, बल्कि जलाया जाए! हालात ऐसे बने कि कब्र भी खोदी गयी और आग की लपटों का धुआँ भी उठा.. मगर यह कैसे और क्यों हुआ, पढ़िए गुलज़ार साहब की इस बेहतरीन कहानी में!
टोबा टेक सिंह
'टोबा टेक सिंह' - सआदत हसन मंटोबंटवारे के दो-तीन साल बाद पकिस्तान और हिंदुस्तान की सरकारों को ख्याल आया कि साधारण कैदियों की तरह...
सिक्का बदल गया
जब सिक्का बदल गया, यानी सत्ता बदल गयी तो लोगों का देश, पिंड और समाज भी बदल गया। एक नयी वफादारी उन पर थोप दी गयी और जो कुछ भी उनका अपना था, सब छीन लिया गया।कृष्णा सोबती की यह कहानी बँटवारे और विस्थापन का दुर्भाग्य झेलते लोगों की वेदना और असहाय परिस्थितियों का चित्रण करती है और उनकी सर्वोच्च कहानियों में से एक है।