Tag: Tarsem Kaur
मैं कवि
सुनो...
तुम्हारे भीतर एक कवि रहता है,
यही कहा था उसने एक दिन..!
उसकी यह बात सुनकर मैं उस वक्त
कुछ भी न समझ सकी
इससे पहले कि मैं...
प्रेम का एक क्षण जीवन है
तुमको प्रेम करने की वजह
मेरा तुम-सा होना हो सकता है
मेरा प्रेम तुम्हारे जीवन जितना
विस्तृत, जटिल पर मनोरम है
तुम्हारे साथ प्रेम का एक क्षण जीवन...
चलो अब कुछ बड़े हो जाते हैं
चलो अब कुछ बड़े हो जाते हैं
छोड़ देते हैं मस्तियों को, नादानियों को
नहीं देखते उन सपनों को
जो सूरज और चाँद को छूने का दिलासा...
शब्द और भावनाएँ
इसी सदी में
एक दिन ऐसा
भी आएगा जब
सारे शब्द मर जाएँगे
जीवित हो जायेंगी सारी
भावनाएं...
आजकल तो काम चलाना पड़ता है
शब्दों से ही भावनाओं को जताने के लिये
हम...
शब्दों का होना ज़रूरी नहीं
शब्दों का होना ज़रूरी नहीं
कविता कहने को,
कविता बनती है
एक माँ के प्यार दुलार से,
बच्चे का पहला स्तनपान,
बच्चे की पहली मुस्कान,
पहला शब्द, पहला कदम ,
बच्चे...
भावनाओं का अपलोड
डिलीट होती जा रही
भावनाओं और संवेदनाओं
का बैकअप शायद
किसी ने भी नहीं रखा है..
जीवन की स्क्रीन से
धीरे धीरे इरेस होती जा रही
संवेदनाओं को रिस्टोर
करना शायद...
बात और जज़्बात
1
हर तारा
यही कहता है
काली रात से
कि थमी रहो
चमकना है
कुछ देर अभी और...!
2
हर रोज़ सवेरे मैं उजालों को
पहन लेता हूँ और निखार लेता हूँ खुद...