तुमको प्रेम करने की वजह
मेरा तुम-सा होना हो सकता है
मेरा प्रेम तुम्हारे जीवन जितना
विस्तृत, जटिल पर मनोरम है

तुम्हारे साथ प्रेम का एक क्षण जीवन है
तुम्हारे बिन जीवन का हर क्षण प्रेम से विदा है

मेरे आकाश पर फैला हुआ तुम एक सफ़ेद बादल हो
मेरे आँगन में गुलहड़ के पौधे का एक लाल फूल हो
तुम्हारे बिना जिया तो जा सकता है
पर तुम्हारे बिना मरा नहीं जा सकता

तुम मेरा जीवन हो
या तुम मेरे जीवन के बाद होने वाली कोई घटना हो
बीते हुए प्रेम का दुःख कभी-कभी जीवन जीने का सुख हो जाता है।

* * *

उदासी के सुर्ख़ फूलों
पर बिखरी रंगहीन मुस्कान
एक अपेक्षा
एक प्रतीक्षा
ओत प्रोत हो किसी के
स्नेह से भरी ओस की बूँदों सी
स्नेहसिक्त बूँद के
बरस जाने की आस में
अपलक निहारता दृष्टिपटल
मुख पर फैली आभा
निराशा बन मोमबत्ती-सी पिघलती…

* * *

शायद
किसी की पुरानी कविता की सुंदर आत्मा
वास करती है मेरे शब्दों के भीतर
तभी ये शब्द इतने सुंदर और
मनमोहक लगते हैं मुझे भी
देखा था एक बार टूटता तारा बचपन में
तब कुछ नहीं माँगा था
अब तारे नहीं टूटते… शायद
तारे भी मतलबी और कलयुगी हो गए हैं..!!

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तरसेम कौर
A freelancer who loves to play with numbers and words.