वयस्क होने से ज़रूरी वयस्क लगना है
ये बात मैं खुद को सौ बार दुहराती हूँ

व्याहने आएगा मुझे एक योग्य वर, और लाएगा
कुंजी मेरे जीवन के खुशी वाले बक्से की

माँ कहती है वो बक्सा भी उसी के पास है
बाद में वो बक्सा तो देगा पर चाभी खुद पे रखेगा

उसे मेरी ज़रूरतें पता होंगी हमेशा
उसे जो पता होंगी वो ही मेरी ज़रूरतें होंगी

वयस्क लग सकती हूँ बस मैं
वयस्क कभी हो नहीं सकती!

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