चार्ल्स डार्विन के हिन्दी में उद्धरण | Charles Darwin Quotes in Hindi

अनुवाद: पुनीत कुसुम

 

“मुझे मूर्खों के प्रयोग बहुत पसन्द हैं। मैं हमेशा वही करता रहता हूँ।”

 

“एक आदमी जो अपने एक घण्टे के समय को बर्बाद करने की हिम्मत करता है, उसे अपने जीवन का मूल्य नहीं पता।”

 

“अगर मेरे पास अपने जीवन को दोबारा जीने का मौक़ा होता तो मैंने हफ़्ते में कम से कम एक बार कुछ कविताएँ पढ़ने और कुछ संगीत सुनने का नियम बना लिया होता।”

 

“अगर ग़रीबों की मुसीबतों का कारण प्रकृति विधान न होकर, हमारी व्यवस्था है, तो हम बहुत बड़े अपराधी हैं।”

 

“सभी जीवित प्राणियों के लिए प्रेम, इंसान का उच्चतम गुण है।”

 

“आँखों पर पट्टी बाँधकर दूसरे लोगों का अनुसरण करना मेरी प्रवृत्ति में नहीं है।”

 

“हमने दैत्यों को ढूँढने के लिए अपने पलंगों के नीचे देखना बन्द कर दिया, जब हमें यह बोध हुआ कि वे तो हमारे भीतर ही हैं।”

 

“आनन्द, दुःख, ख़ुशी और कष्ट महसूस करने की क्षमता में आदमी और जानवरों में कोई मूल अन्तर नहीं है।”

 

“एक वैज्ञानिक के पास कोई इच्छाएँ, कोई मोह नहीं होना चाहिए – होना चाहिए केवल एक पत्थर का दिल।”

 

“ख़ुशी देने में ही ख़ुशी प्राप्त करना सभी कलाओं का सार है।”

 

“एक त्रुटि को सुधारना, एक नये सत्य या तथ्य की स्थापना के जितना ही अच्छा काम है, कभी-कभी तो उससे भी बेहतर।”

 

“वर्तमान के सामने भविष्य कितना बड़ा लगता है, जब आप बच्चों से घिरे हों।”

 

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चार्ल्स डार्विन
चार्ल्स डार्विन (१२ फरवरी, १८०९ – १९ अप्रैल १८८२) ने क्रमविकास (evolution) के सिद्धान्त का प्रतिपादन किया। उनका शोध आंशिक रूप से १८३१ से १८३६ में एचएमएस बीगल पर उनकी समुद्र यात्रा के संग्रहों पर आधारित था। इनमें से कई संग्रह इस संग्रहालय में अभी भी उपस्थित हैं। डार्विन महान वैज्ञानिक थे - आज जो हम सजीव चीजें देखते हैं, उनकी उत्पत्ति तथा विविधता को समझने के लिए उनका विकास का सिद्धान्त सर्वश्रेष्ठ माध्यम बन चुका है।