क्या तुमने

उसकी कमर
टटोलने
से पहले
क्या तुमने
टटोली हैं
उसकी हथेलियाँ?

उसके अधर
चूमने से पहले
क्या तुमने
चूमा है
उसका माथा?

क्या तुमने कभी
उसके सीने को स्पर्श
किए बिना
स्पर्श किया है
उसका हृदय?

प्रेम एवं विवाह

प्रेम एक अप्रत्याशित घटना है
नीति रहित

इसके ठीक उलट
विवाह एक सोची-समझी योजना हैै
कूटनीति से भरी हुई।

चरित्रहीन

तुमने उसे
प्रेम स्वीकार करने भर का
अधिकार दिया

प्रेम करने वाली स्त्रियाँ
तुम्हारे लिए
चरित्रहीन हो गयीं

तुमने प्रेम का भी
चरित्र गढ़ दिया

तुम पुरुष हो
तुम भाग्यशाली हो
तुम्हारा चरित्र
आरक्षित है।

Previous articleघर की चौखट से बाहर
Next articleधवल केश
रिया गुप्ता (प्रहेलिका)
Hi....i am riya ...riya prahelika is my pen name. Writing is my medicine Poetry is my doctor U can call me an animal lover and strictly a tea lover..

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here