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नीरव की कविताएँ
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ढहते थे पेड़
रोती थी पृथ्वी
हँसता था आदमी
मरती थी नदी
बिलखता था आकाश
हँसता था आदमी
टूटता था संगीत
बुझता था प्रकाश
हँसता था आदमी
टूट रहा है आदमी
बुझ रहा है...
पत्नियाँ और प्रेमिकाएँ
'Patniyaan Aur Premikaaein' : Poems by Ekta Nahar
1
पत्नियाँ कर रही होती हैं अपडेट
डिजिटल कैमरे से कराये फ़ोटोशूट
प्रेमिकाएँ चुपके से सहेज रही होती हैं
प्रेमी के साथ...
चीलगाड़ी
'Cheelgaadi', a poem by Vijay Rahi
आंटे-सांटे में हुई थी उसकी सगाई
दूज वर के साथ
हालाँकि ख़ूब जोड़े थे उसने माँ-बाप के हाथ।
जब ब्याह नज़दीक आया
और...
एक रात
"उसने एक पुरुष से प्रेम किया, दूसरे से विवाह किया, एक का हृदय तोड़ दिया और उसका फोटो चूमा, दूसरे से अधिक-अत्यधिक निकट आकर विकृत कर दिया..."
तोहफ़ा
मैंने उन्हें कई तोहफे दिए। हमारे साथ के चार सालों में ऐसे बहुत मौक़े आते कि मुझे उन्हें तोहफे देने की ज़िद पकड़नी पड़ती लेकिन ऐसा...
जहाँ दो प्रेमी रहते हों
दुनिया की सबसे छोटी गली में
बनाया जा सकता है दुनिया का
सबसे बड़ा घर
बशर्ते वहाँ दो प्रेमी रहते हों।
उस बाग़ के सबसे नाजुक फूल से
ली...