मेह बरसने वाला है
मेरी खिड़की में आ जा तितली।
बाहर जब पर होंगे गीले,
धुल जाएँगे रंग सजीले,
झड़ जाएगा फूल, न तुझको
बचा सकेगा छोटी तितली,
खिड़की में तू आ जा तितली!
नन्हे तुझे पकड़ पाएगा,
डिब्बी में रख ले जाएगा,
फिर किताब में चिपकाएगा
मर जाएगी तब तू तितली,
खिड़की में तू छिप जा तितली।
[…] महादेवी वर्मा की कविता ‘तितली से’ सर्वत ज़हरा की नज़्म ‘बे-परों की तितली’ सुमित की कविता ‘तितली’ […]