छोटी सी बिल्लू, छोटा सा बस्ता
ठूँसा है जिसमें काग़ज़ का दस्ता
लकड़ी का घोड़ा, रुई का भालू
चूरन की शीशी, आलू-कचालू

बिल्लू का बस्ता जिन की पिटारी
जब उसको देखो पहले से भारी
लट्टू भी उसमें, रस्सी भी उसमें
डंडा भी उसमें, गिल्ली भी उसमें

ऐ प्यारी बिल्लू ये तो बताओ
क्या काम करने स्कूल जाओ
उर्दू न जानो, इंग्लिश न जानो
कहती है ख़ुद को बिलक़िस बानो

उम्र की इतनी कच्ची नहीं हो
छः साल की हो बच्ची नहीं हो
बाहर निकालो लकड़ी का घोड़ा
ये लट्टू रस्सी, ये गिल्ली डंडा

गुड़िया के जूते जम्पर जुराबें
बस्ते में रखो अपनी किताबें
मुँह न बनाओ स्कूल जाओ
ऐ प्यारी बिल्लू, ऐ प्यारी बिल्लू!

Previous articleतमाशे में डूबा हुआ देश
Next articleदेवेन्द्र शर्मा की कविताएँ
इब्ने इंशा
इब्न-ए-इंशा एक पाकिस्तानी उर्दू कवि, व्यंगकार, यात्रा लेखक और समाचार पत्र स्तंभकार थे। उनकी कविता के साथ, उन्हें उर्दू के सबसे अच्छे व्यंगकारों में से एक माना जाता था।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here