Tag: Devesh Path Sariya
ओरहान वेली की कविता ‘मैं समझा नहीं सकता’
Poem: 'I Can't Tell' - Orhan Veli Kanik
Translation from Original (Turkish): Talât Sait Halman
अंग्रेज़ी से अनुवाद: देवेश पथ सारिया
अगर रोता हूँ मैं
क्या तुम कविता में...
सबसे ख़ुश दो लोग
लड़का और लड़की की
अपने-अपने घरों में
इतनी भी नहीं चलती थी
कि पर्दों का रंग चुनने तक में
उनकी राय ली जाती
उनकी जेबों की हालत ऐसी थी
कि आधी-आधी...
फटेहाल का ख़ज़ाना
दुनिया के नामचीन फ़ोटोग्राफ़र
भटकते हैं
भूखे-नंगे लोगों की बस्ती में
और उन अभावग्रस्त लोगो में से
एक चेहरा चुनते हैं
ऐसा चेहरा, जो निर्दिष्ट कर दे
सारी कहानी उस...
बावरी माँ
जब जन्म देती है एक माँ
कोई-कोई ही पूछता है-
"जच्चा-बच्चा ठीक हैं,
माँ का कितना ख़ून बहा,
क्या सर्जरी करनी पड़ी?"
वरना, कुशल-क्षेम
सिर्फ़ बच्चे की होती है,
जन्मदात्री की फ़िक्र
क्यूँ...
कोरोनावायरस और शिन्निन क्वायलो
कोरोनावायरस
फैला रहा है अपने अदृश्य पाँव
पहुँच चुका है वह
दुनिया के कई कोनों में
ताइवान में भी कुछ मामले सामने आ चुके हैं
इन दिनों दुनिया के...
जॉन गुज़लॉस्की की कविता ‘युद्ध और शान्ति’
कवि: जॉन गुज़लॉस्की
अनुवाद: देवेश पथ सारिया
युद्ध तुम्हें मार देगा
और ठण्डा पड़ा छोड़ देगा तुम्हें
गलियों में
या खेतों में
बमों से विध्वंस हुई इमारतों की
ईंटों की तरह
पर चिन्ता...
जाड़ों की नींद
'Jaadon Ki Neend', a poem by Devesh Path Sariya
जाड़ों की नींद से
जब सुबह जगो तो
कुछ टूटा-टूटा लगता है
मधुमक्खी का डंक हो
जिसे खींच लेगी खटिया
कुछ...
सही दिशा
'Sahi Disha', a poem by Devesh Path Sariya
रात के नौ बजे
मैं इस लगभग सुनसान रेस ट्रैक पर हूँ,
एक ऐसी जगह
जहाँ अच्छी सेहत का उत्सव...