Tag: Metered Verses
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती
नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती...
क्या कहें दुनिया में हम इंसान या हैवान थे
क्या कहें दुनिया में हम इंसान या हैवान थे
ख़ाक थे क्या थे ग़रज़ इक आन के मेहमान थे
कर रहे थे अपना क़ब्ज़ा ग़ैर की इम्लाक...
साध
"सरल काव्य-सा सुंदर जीवन हम सानंद बिताते हों।
तरु-दल की शीतल छाया में चल समीर-सा गाते हों॥"
प्रेम ऐसा भाव है, जिससे कोई इंसान, कोई कवि अछूता नहीं रह पाता। पढ़िए सुभद्राकुमारी चौहान की कल्पना के पंखों पर उड़ती हुई यह कविता जिसमें कोई भी युगल अपने वांछित भविष्य का अक्स देखेगा।
मुश्किल शब्दों के अर्थ साथ ही उपलब्ध हैं!
वो आलम है कि मुँह फेरे हुए आलम निकलता है
वो आलम है कि मुँह फेरे हुए आलम निकलता है
शब-ए-फ़ुर्क़त के ग़म झेले हुओं का दम निकलता है
इलाही ख़ैर हो उलझन पे उलझन बढ़ती...
याद बहुत आते हैं
याद बहुत आते हैं गुड्डे-गुड़ियों वाले दिन
दस पैसे में दो चूरन की पुड़ियों वाले दिन
ओलम, इमला, पाटी, बुदका, खड़ियों वाले दिन
बात-बात में फूट रही फुलझड़ियों वाले दिन
पनवाड़ी की चढ़ी उधारी,...
किसान
हेमन्त में बहुदा घनों से पूर्ण रहता व्योम है
पावस निशाओं में तथा हँसता शरद का सोम है
हो जाए अच्छी भी फ़सल, पर लाभ कृषकों...
मैं और तू
रोज़ जब धूप पहाड़ों से उतरने लगती
कोई घटता हुआ, बढ़ता हुआ, बेकल साया
एक दीवार से कहता कि मिरे साथ चलो
और ज़ंजीर-ए-रिफ़ाक़त से गुरेज़ाँ दीवार
अपने...
दिल को लेकर हमसे अब जाँ भी तलब करते हैं आप
'Dil Ko Lekar Humse', by Nazeer Akbarabadi
दिल को लेकर हमसे अब जाँ भी तलब करते हैं आप
लीजिए हाज़िर है पर ये तो ग़ज़ब करते...
जाना जाना जल्दी क्या है इन बातों को जाने दो
जाना जाना जल्दी क्या है, इन बातों को जाने दो
ठहरो ठहरो दिल तो ठहरे, मुझ को होश में आने दो
पाँव निकालो ख़ल्वत से, आए...
गुनाह का गीत
अगर मैंने किसी के होंठ के पाटल कभी चूमे
अगर मैंने किसी के नैन के बादल कभी चूमे
महज़ इससे किसी का प्यार मुझको पाप कैसे हो?
महज़ इससे किसी...
मैंने पूछा पहला पत्थर मुझ पर कौन उठाएगा
'Maine Poochha Pehla Patthar Mujh Par Kaun Uthaaega', a ghazal by Qateel Shifai
मैंने पूछा पहला पत्थर मुझ पर कौन उठाएगा
आई इक आवाज़ कि तू...
मोहब्बत
कृष्ण आए कि दीं भर भर के वहदत के ख़ुमिस्ताँ से
शराब-ए-मा'रिफ़त का रूह-परवर जाम हिन्दू को
कृष्ण आए और उस बातिल-रुबा मक़्सद के साथ आए
कि...