Tag: Metered Verses

Sohanlal Dwivedi

कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की हार नहीं होती नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है चढ़ती दीवारों पर सौ बार फिसलती...
Nazeer Akbarabadi

क्या कहें दुनिया में हम इंसान या हैवान थे

क्या कहें दुनिया में हम इंसान या हैवान थे ख़ाक थे क्या थे ग़रज़ इक आन के मेहमान थे कर रहे थे अपना क़ब्ज़ा ग़ैर की इम्लाक...
Subhadra Kumari Chauhan

साध

"सरल काव्य-सा सुंदर जीवन हम सानंद बिताते हों। तरु-दल की शीतल छाया में चल समीर-सा गाते हों॥" प्रेम ऐसा भाव है, जिससे कोई इंसान, कोई कवि अछूता नहीं रह पाता। पढ़िए सुभद्राकुमारी चौहान की कल्पना के पंखों पर उड़ती हुई यह कविता जिसमें कोई भी युगल अपने वांछित भविष्य का अक्स देखेगा। मुश्किल शब्दों के अर्थ साथ ही उपलब्ध हैं!
Safi Lakhnavi

वो आलम है कि मुँह फेरे हुए आलम निकलता है

वो आलम है कि मुँह फेरे हुए आलम निकलता है शब-ए-फ़ुर्क़त के ग़म झेले हुओं का दम निकलता है इलाही ख़ैर हो उलझन पे उलझन बढ़ती...
Pramod Tiwari

याद बहुत आते हैं

याद बहुत आते हैं गुड्डे-गुड़ियों वाले दिन दस पैसे में दो चूरन की पुड़ियों वाले दिन ओलम, इमला, पाटी, बुदका, खड़ियों वाले दिन बात-बात में फूट रही फुलझड़ियों वाले दिन पनवाड़ी की चढ़ी उधारी,...
Maithili Sharan Gupt

किसान

हेमन्त में बहुदा घनों से पूर्ण रहता व्योम है पावस निशाओं में तथा हँसता शरद का सोम है हो जाए अच्छी भी फ़सल, पर लाभ कृषकों...
Ahmad Faraz

मैं और तू

रोज़ जब धूप पहाड़ों से उतरने लगती कोई घटता हुआ, बढ़ता हुआ, बेकल साया एक दीवार से कहता कि मिरे साथ चलो और ज़ंजीर-ए-रिफ़ाक़त से गुरेज़ाँ दीवार अपने...
Nazeer Akbarabadi

दिल को लेकर हमसे अब जाँ भी तलब करते हैं आप

'Dil Ko Lekar Humse', by Nazeer Akbarabadi दिल को लेकर हमसे अब जाँ भी तलब करते हैं आप लीजिए हाज़िर है पर ये तो ग़ज़ब करते...
Safi Lakhnavi

जाना जाना जल्दी क्या है इन बातों को जाने दो

जाना जाना जल्दी क्या है, इन बातों को जाने दो ठहरो ठहरो दिल तो ठहरे, मुझ को होश में आने दो पाँव निकालो ख़ल्वत से, आए...
Dharmvir Bharati

गुनाह का गीत

अगर मैंने किसी के होंठ के पाटल कभी चूमे अगर मैंने किसी के नैन के बादल कभी चूमे महज़ इससे किसी का प्यार मुझको पाप कैसे हो? महज़ इससे किसी...
Qateel Shifai

मैंने पूछा पहला पत्थर मुझ पर कौन उठाएगा

'Maine Poochha Pehla Patthar Mujh Par Kaun Uthaaega', a ghazal by Qateel Shifai मैंने पूछा पहला पत्थर मुझ पर कौन उठाएगा आई इक आवाज़ कि तू...
Zafar Ali Khan

मोहब्बत

कृष्ण आए कि दीं भर भर के वहदत के ख़ुमिस्ताँ से शराब-ए-मा'रिफ़त का रूह-परवर जाम हिन्दू को कृष्ण आए और उस बातिल-रुबा मक़्सद के साथ आए कि...
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