Tag: Trees

Tree

पेड़

1  आसमान और धरती के बीच छिड़े युद्ध में पेड़ पृथ्वी के सिपाही हैं जब कभी आसमान से गिरता है सैलाब पेड़ ही बचाते हैं पृथ्वी के किनारे मुझे नहीं...
Mudit Shrivastava

पेड़

1 जितनी बारिश मुझ पर बरसी, उतना ही पानी सहेजे रखा जितना भी पानी जड़ों से खींचा, उतना ही बादलों को दिया जितना भी दे पाया बादलों को. उतनी ही बारिश तुम पर भी बरसी सहेजा गया और...
Woman Tree

मूल

अमावस-सी अंधियारी रात्रियों में टॉर्च की चुभती तीखी रोशनी में पत्थर की चोट सहता पत्थर जैसा ही आ गिरता है धरा पर वो मूक स्तब्ध अमराई का आम, बाट...
Woman Tree

पीड़ा

वृक्ष मूक नहीं होते, उनकी होती है आवाज़, विरली-सी, सांकेतिक भाषा। वो ख़ुद कुछ नहीं बोलते लेकिन घोंसलों में भरते हैं नन्हें पक्षी जब विलय की किलकारियाँ, उनको रिझाने,...
Tribe, Village, Adivasi, Labour, Tribal, Poor

गोबिन्द प्रसाद की कविताएँ

आने वाला दृश्य आदमी, पेड़ और कव्वे— यह हमारी सदी का एक पुराना दृश्य रहा है इसमें जो कुछ छूट गया है मसलन पुरानी इमारतें, खण्डहरनुमा बुर्जियाँ और किसी...
Tree Branch, No Leaf, Autumn, Sad, Dry, Dead

सिर्फ़ पेड़ ही नहीं कटते हैं

तुम परेशान हो कि गुलमोहर सूख रहे हैं पेड़ कट रहे हैं चिड़ियाँ मर रही हैं और इस शहर में बसन्त टिकता नहीं... इस्पात की धमनियों में जब तक आदमी अपने...
Pramod Tiwari

ख़ूब रोया एक सूखा पेड़

'Khoob Roya Ek Sookha Ped', a poem by Pramod Tiwari याद कर अपनी सघन छाया, ख़ूब रोया एक सूखा पेड़ पेड़ जिसकी छाँव से हारे-थके रिश्ते जुड़े, पेड़ जिसकी देह से होकर कई...
Bird flying in the sky

पुकारना

'Pukaarna', a poem by Vishesh Chandra Naman यह जाने बिना कि पक्षी लौटे या नहीं मेरे बोए पेड़ों की गर्मास में नहीं पुकारता उन्हें यह जानने के बाद कि लौट...
Tree Branch, No Leaf, Autumn, Sad, Dry, Dead

कटते वन

'Katte Van', a poem by Preeti Karn किसी दिन रूठ जाएगी कविता जब कट जाऐंगे सड़क के दोनों ओर लगे वृक्ष। छाँव को तरसते पथिक निहारेंगे याचना के अग्नि पथ तप्त...

पेड़ों नें छिपाकर रखी तुम्हारे लिए छाँव

पेड़ों नें छिपाकर रखी तुम्हारे लिए छाँव अपनी जड़ों में दबाकर रखी मिट्टी बुलाया बादल और बारिशों को सहेजे रखा पानी अपनी नसों में दिए तुम्हें रंग तितलियाँ, परिन्दें घोंसलें...
Tree, Leaves, Forest, Jungle

झुलसे हुए पेड़

एक पेड़ गिराकर हर बार मृत्यु की एक नयी परिभाषा गढ़ी जाती है तुम्हारी छोड़ी गयी साँसों पर ही ज़िन्दा है जो उसके काट दिये जाने से उम्र...

एक पेड़

(पापा के लिए) एक पेड़ मेरी क्षमता में जिसका केवल ज़िक्र करना भर है जिसे उपमेय और उपमान में बाँधने की न मेरी इच्छा है, न ही सामर्थ्य एक...
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