अनुवाद: बलराम अग्रवाल

एक चतुर कुत्ता एक दिन बिल्लियों के एक झुण्ड के पास से गुज़रा।

कुछ और निकट जाने पर उसने देखा कि वे कोई योजना बना रहीं थीं और उसकी ओर से लापरवाह थीं। वह रुक गया।

उसने देखा कि झुण्ड के बीच से एक दीर्घकाय, गम्भीर बिल्ला खड़ा हुआ। उसने उन सब पर नज़र डाली और बोला, “भाइयों! दुआ करो। बार-बार दुआ करो। यक़ीन मानो, दुआ करोगे तो चूहों की बारिश ज़रूर होगी।”

यह सुनकर कुत्ता मन-ही-मन हँसा।

“अरे अन्धे और बेवक़ूफ़ बिल्लो! शास्त्रों में क्या यह नहीं लिखा है और क्या मैं, और मुझसे भी पहले मेरा बाप, यह नहीं जानता कि दुआ के, आस्था के और समर्पण के बदले चूहों की नहीं हड्डियों की बारिश होती है।” यह कहते हुए वह पलट पड़ा।

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खलील जिब्रान
खलील जिब्रान (6 जनवरी, 1883 – 10 जनवरी, 1931) एक लेबनानी-अमेरिकी कलाकार, कवि तथा न्यूयॉर्क पेन लीग के लेखक थे। उन्हें अपने चिंतन के कारण समकालीन पादरियों और अधिकारी वर्ग का कोपभाजन होना पड़ा और जाति से बहिष्कृत करके देश निकाला तक दे दिया गया था। आधुनिक अरबी साहित्य में जिब्रान खलील 'जिब्रान' के नाम से प्रसिद्ध हैं, किंतु अंग्रेजी में वह अपना नाम खलील ज्व्रान लिखते थे और इसी नाम से वे अधिक प्रसिद्ध भी हुए।

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