‘Yah Dil Khol Tumhara Hansna’, a poem by Gopal Singh Nepali

प्रिये तुम्हारी इन आँखों में मेरा जीवन बोल रहा है

बोले मधुप फूल की बोली, बोले चाँद समझ लें तारे
गा-गाकर मधुगीत प्रीति के, सिंधु किसी के चरण पखारे
यह पापी भी क्यों न तुम्हारा, मनमोहक मुखचंद्र निहारे
प्रिये तुम्हारी इन आँखों में मेरा जीवन बोल रहा है

देखा मैंने एक बूँद से ढँका जरा आँखों का कोना
थी मन में कुछ पीर तुम्हारे, पर न कहीं कुछ रोना धोना
मेरे लिय बहुत काफी है आँखों का यह डब-डब होना
साथ तुम्हारी एक बूँद के, मेरा जीवन डोल रहा है

कोई होगी और गगन में, तारक-दीप जलाने वाली
कोई होगी और, फूल में सुंदर चित्र बनाने वाली
तुम न चाँदनी, तुम न अमावस, सखी तुम तो ऊषा की लाली
यह दिल खोल तुम्हारा हँसना, मेरा बंधन खोल रहा है..

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Author’s Book:

गोपाल सिंह नेपाली
गोपाल सिंह नेपाली (1911 - 1963) हिन्दी एवं नेपाली के प्रसिद्ध कवि थे। उन्होने बम्बइया हिन्दी फिल्मों के लिये गाने भी लिखे। वे एक पत्रकार भी थे जिन्होने "रतलाम टाइम्स", चित्रपट, सुधा, एवं योगी नामक चार पत्रिकाओं का सम्पादन भी किया। सन् १९६२ के चीनी आक्रमन के समय उन्होने कई देशभक्तिपूर्ण गीत एवं कविताएं लिखीं जिनमें 'सावन', 'कल्पना', 'नीलिमा', 'नवीन कल्पना करो' आदि बहुत प्रसिद्ध हैं।