Tag: Dreams
जाल
मकड़ी के जालों से ज़ियादा प्रभावित किसी और चीज़ से नहीं हुआ मैं। हर बार उसे झाड़ू से या झालर से झाड़कर हटा दिया...
कविताएँ: मई 2021
महामारी में जीवन
कोई ग़म नहीं
मैं मारा जाऊँ अगर
सड़क पर चलते-चलते
ट्रक के नीचे आकरकोई ग़म नहीं
गोहरा खा जाए मुझे
खेत में रात को
ख़ुशी की बात है
अस्पताल...
मृत्यु, नहीं आते सपने इन दिनों, लौटना
मृत्यु
नहीं आना चाहिए उसे जिस तरह
वह आयी है उस तरह
जीवन की अनुपस्थिति में
निश्चित है आना उसका,
पर इस अनिश्चित ढलते समय में
वह आयी है आतातायी...
कवि के स्वप्नों का महत्त्व
कवि के स्वप्नों का महत्त्व!—विषय सम्भवतः थोड़ा गम्भीर है। स्वप्न और यथार्थ मानव-जीवन-सत्य के दो पहलू हैं : स्वप्न यथार्थ बनता जाता है और...
आज़ादी का आसमान
मेरी तो जान हैं
तुम्हारे ये सीने, तुम्हारे ये सिर
जो अपने सपनों के रोशनदान से
आज़ादी का आसमान
देखने को मचल रहे हैं।तुम्हारे सिर और सीनों में...
पेंसिल
1बेंच पे बैठी
ब्लू जींस वाली लड़की
पेंसिल छीलती है
और उसमें से
फूटता है इक काला फूल
पेंसिल लिखती है
काले-काले अक्षर
कोरे काग़ज़ पर
जैसे काली तितलियाँ!पेंसिल लिखती है
सफ़ेद अक्षर
आसमान...
अनिष्ट शंका
चाँदनी रात, समीर के सुखद झोंके, सुरम्य उद्यान। कुँवर अमरनाथ अपनी विस्तीर्ण छत पर लेटे हुए मनोरमा से कह रहे थे— "तुम घबराओ नहीं,...
वक़्त के कटहरे में
सुनो तुम्हारा जुर्म तुम्हारी कमज़ोरी है
अपने जुर्म पे
रंग-बिरंगे लफ़्ज़ों की बेजान रिदाएँ मत डालोसुनो तुम्हारे ख़्वाब तुम्हारा जुर्म नहीं हैं
तुम ख़्वाबों की ताबीर से...
ख़्वाबों के ब्योपारी
हम ख़्वाबों के ब्योपारी थे
पर इसमें हुआ नुक़सान बड़ा
कुछ बख़्त में ढेरों कालक थी
कुछ अब के ग़ज़ब का काल पड़ा
हम राख लिए हैं झोली...
खुलती रस्सियों के सपने
लम्बी फ़ुर्सत की तलाश में
नया कहने, सुनने, गुनने की कैफ़ियत
जाती रहती हैज़ुबान बंजर होती जाती है, साँस सँकरी
वक़्त की अदृश्य रस्सियाँ
पैरों को जकड़ती हुई
धीरे-धीरे गर्दन तक...
लैंग्स्टन ह्यूज की कविता ‘हारलम’
Poem: Harlem by Langston Hughes
Translation: Arjita Mitalक्या होता है जब कोई सपना अधूरा रह जाता है?क्या वह धूप में रखी
किशमिश की तरह मुरझा जाता...