Tag: Death

Vijay Sharma

घोष बाबू और उनकी माँ

"हम यहाँ से निकलकर कहाँ जाएँगे?" — शिल्पा ने अनिमेष के कंधे पर सिर रक्खे कहा। "जहाँ क़िस्मत ले जाए!" — अनिमेष की आवाज़ में...
Sleep, Death

थोड़ी बहुत मृत्यु

मृत्यु आयी और कल मेरी कहानी के एक पात्र को अपने संग ले गई अक्सर उसके घर के सामने से गुज़रते हुए मैं उधर देख लिया करता था अर्से से...
Kishwar Naheed

ख़ुदाओं से कह दो

जिस दिन मुझे मौत आए उस दिन बारिश की वो झड़ी लगे जिसे थमना न आता हो, लोग बारिश और आँसुओं में तमीज़ न कर सकें जिस दिन मुझे...
Vishnu Khare

नींद में

कैसे मालूम कि जो नहीं रहा उसकी मौत नींद में हुई? कह दिया जाता है कि वह सोते हुए शान्ति से चला गया क्या सबूत है? क्या कोई था उसके...
Letter

अपेक्षाओं के बियाबान

सिलीगुड़ी 4 फ़रवरी, 70 आदरणीय दादा सादर प्रणाम कल रात फिर वही स्वप्न देखा। मैं और सुरभित समुद्र किनारे क़दमों के निशान छोड़ते बढ़े जा रहे हैं। अपर्णा...
Mahasweta Devi

रॉन्ग नम्बर

रात एक बजे का समय। तीर्थ बाबू की नींद टूट गयी। टेलीफ़ोन बज रहा था। आधी रात में टेलीफ़ोन बजने से क्यों इतना डर लगता...
Emily Dickinson

एमिली डिकिंसन की कविता ‘मृत्य के पार गमन’

Poem: 'Because I Could Not Stop For Death' Poetess: Emily Dickinson भावानुवाद: नम्रता श्रीवास्तव यद्यपि मृत्युपरांत यात्रा पर अग्रसर हो चुकी थी मैं पर याचना करके उस काल ने...
Sleep, Death

सिद्धार्थ बाजपेयी की कविताएँ

सुना तुम मर गए, गई रात कोई सुबह है किसी भी सुबह की तरह वासंती सन्नाटा गहरा है और अचानक कोयल बोली प्राणों को बेधती हुई कलेजे में उठी हूक की...
Rohit Thakur

मैं अपने मरने के सौन्दर्य को चूक गया

एक औरत मुजफ़्फ़रपुर जंक्शन के प्लेटफ़ार्म पर मरी लेटी है उसका बच्चा उसके पास खेल रहा है बच्चे की उम्र महज़ एक साल है एक औरत की गोद में...
Leeladhar Jagudi

दुःख की बात

निरर्थकताओं को सार्थकताओं में बदलने के लिए हम संघर्ष करते हैं बदहालियों को ख़ुशहालियों में बदलने के लिए हम संघर्ष करते हैं क्योंकि कमियाँ जब अभाव बन जाती...
kunwar narayan

प्रस्थान के बाद

दीवार पर टंगी घड़ी कहती— "उठो अब वक़्त आ गया।" कोने में खड़ी छड़ी कहती— "चलो अब, बहुत दूर जाना है।" पैताने रखे जूते पाँव छूते— "पहन लो हमें,...
Sarveshwar Dayal Saxena

पत्नी की मृत्यु पर

बायें हाथ में ले अपना कटा हुआ दाहिना हाथ बैठा हूँ मैं घर के उस कोने में जिसे तुम्हारी मौत कितनी सफ़ाई से ख़ाली कर गयी है। अब यहाँ...
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