Tag: Silence
जीवन सपना था, प्रेम का मौन
जीवन सपना था
आँखें सपनों में रहीं
और सपने झाँकते रहे आँखों की कोर से
यूँ रची हमने अपनी दुनिया
जैसे बचपन की याद की गईं कविताएँ
हमारा दुहराया...
शिवम तोमर की कविताएँ
रोटी की गुणवत्ता
जिस गाय को अम्मा
खिलाती रहीं रोटियाँ
और उसका माथा छूकर
माँगती रहीं स्वर्ग में जगह
अब घर के सामने आकर
रम्भियाती रहती है
अम्मा ने तो खटिया...
मौन का वजूद
हर काल में
मौन को किया गया
परिभाषित
अपने तरीक़े से
अपनी सुविधानुसार।
मौन को कभी
ओढ़ा दिया गया
लाज का घूँघट,
कभी पहना दिया
स्वीकृति का जामा।
पलटकर बोलने वाली
स्त्रियों को दी गयी
उपाधि बेहया...
मौन
'स्थगित कर दूँ क्या अभी अभिव्यक्ति का आग्रह, न बोलूँ, चुप रहूँ क्या?'
क्यों? कहिए, न बोलूँ, चुप रहूँ क्या? किंतु आप कहें कि 'धन्यवाद,...
राकेश मिश्र की कविताएँ
सन्नाटा
हवावों का सनन् सनन्
ऊँग ऊँग शोर
दरअसल एक डरावने सन्नाटे का
शोर होता है,
ढेरों कुसिर्यों के बीच बैठा
अकेला आदमी
झुण्ड से बिछड़ा
अकेला पशु
आसानी से महसूस कर सकता...
चुप रहो
चुप रहो चुपचाप सहो
समझ जाओ जो चुप रहेंगे वे बचेंगे
बोलने वालों को सिर में गोली के ज़रिये
सुराख़ बनाकर मार डाला जाएगा
ख़ामोश रहने वालों को
क़रीने...
तुम चुप क्यों हो
क्या है गुप्त
क्या है व्यक्तिगत
जब गर्भ में बन्द बच्चा भी
इतना खुला है
इतना प्रत्यक्ष?
कोई अपनी पत्नी को पीट रहा है बेतहाशा
कहता है— मेरी औरत है
कोई...
मौन
हथेलियों पर
बिखरा मेरी,
तुम्हारी हथेलियों
का स्पर्श,
हमारे बीच के
मौन का सम्वाद है
जैसे
गोधूलि और साँझ
के बीच
आकाश मौन होता है
प्रकृति का सम्वाद
मनुष्य से
उसके आध्यात्म के
अनन्त के पार
अपनी अप्रतिम...
चुप्पी
'Chuppi', a poem by Bhupendra Singh Khidia
बातें लिखने में नहीं आतीं
समझाने में नहीं आतीं
कभी गर खींच पाए
ग़लती से भी पटरियाँ ये मन
तब भी वहाँ...
शब्द और मौन
'Shabd Aur Maun', Short Hindi Poems by Harshita Panchariya
बचाकर रखिए अपने शब्दों को
इसलिए नहीं कि
शब्दों के हाथ-पैर नहीं होते
बल्कि इसलिए
कि शब्दों से
लम्बी लोगों की...
मौन
मेरा मौन
मेरे मौन का अनुवाद करना,
स्मृतियों को तुम आकार देना
दैहिकता से आगे बढ़
फिर मुझको गढ़ना।
आलिगंन की ऊष्मा का,
ताप बिखेर देना
मेरे सीने में
जहाँ सुस्त पड़ी है
सदियों...
चुप्पियाँ
दो चुप्पियाँ
एक दिन, एक दूसरे से ग़ुस्सा हो गयीं
दोनों एक कमरे के
दो कोनों में अपने घुटने मोड़कर
बैठी रहीं,
आपस में ऐंठी रहीं
आपस में दोनों के दूरी ज़्यादा...